Saturday, July 25, 2009

अध्याय 1 श्लोक 8

भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः ।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च ॥ ८॥
मेरी सेना में स्वयं आप, भीष्म, कर्ण, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, विकर्ण तथा सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा आदि हैं जो युद्ध में सदैव विजयी रहे हैं.

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"दुर्योधन अपने उन महारथियों का
कर रहा था विशेषतया उल्लेख
जो सदैव विजयी रहे थे और आज
कर रहे थे इसकी सेना की देखरेख

मेरी सेना में गुरुदेव स्वयं आप और
है भीष्म ,कर्ण ,कृपाचार्य जैसे जयी
विकर्ण और सोमदत्त पुत्र भूरिश्रवा भी
जो रहे है सदा ही युद्धभूमी में विजयी "

1 comment:

  1. बहुत अच्छा लगा पढकर.
    कवितारूप में की गई प्रस्तुति अनुपम है.

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