Monday, June 22, 2009

अध्याय 1 श्लोक 4

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि ।
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ॥४॥
इस सेना में भीम और अर्जुन के समान युद्ध करनेवाले अनेक वीर धनुर्धर हैं-यथा महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद.
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"दुर्योधन की चिंता का कारण
सिर्फ द्रुपद का पुत्र ही नही था
पांडव सेना के अनेकों योद्धा
बढ़ा रहे थे उसके मन की व्यथा.

भीम -अर्जुन के बल का था उसे ज्ञान
उसी से लगा रहा था सबका अनुमान.
बल और पौरुष में कोई है कम नही
जैसे ये विराट,द्रुपद और ययुधान "

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