रुद्राणां शङ्करश्चास्मि वित्तेशो यक्षरक्षसाम् ।
वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम् ॥ २३ ॥
वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम् ॥ २३ ॥
मैं समस्त रुद्रों में शिव हूँ, यक्षों में तथा राक्षसों में सम्पत्ति का देवता (कुबेर) हूँ, वसुओं में अग्नि हूँ और समस्त पर्वतों में मेरु हूँ।
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रुद्रों की श्रेणी में मैं
सदाशिव शंकर हूँ
यक्षों राक्षसों के मध्य
धन का स्वामी कुबेर हूँ ।
वसुओं के मध्य से
अग्नि मुझे ही जानो
समस्त पर्वतों के बीच
मुझे मेरु पर्वत मानो।
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