Monday, July 31, 2017

अध्याय-10, श्लोक-23

रुद्राणां शङ्‍करश्चास्मि वित्तेशो यक्षरक्षसाम्‌ ।
वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम्‌ ॥ २३ ॥ 
मैं समस्त रुद्रों में शिव हूँ, यक्षों में तथा राक्षसों में सम्पत्ति का देवता (कुबेर) हूँ, वसुओं में अग्नि हूँ और समस्त पर्वतों में मेरु हूँ।
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रुद्रों की श्रेणी में मैं 
सदाशिव शंकर हूँ 
यक्षों राक्षसों के मध्य 
धन का स्वामी कुबेर हूँ ।

वसुओं के मध्य से 
अग्नि मुझे ही जानो 
समस्त पर्वतों के बीच 
मुझे मेरु पर्वत मानो।

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