बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम् ।
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ॥ १० ॥
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ॥ १० ॥
हे पृथापुत्र! यह जान लो कि मैं ही समस्त जीवों का आदि बीज हूँ, बुद्धिमानों की बुद्धि तथा समस्त तेजस्वी पुरुषों का तेज़ हूँ।
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हे पार्थ! मुझको ही तुम इस
सारी सृष्टि का कारण मानो।
मुझसे अलग यहाँ कुछ नहीं
सबको मुझसे उत्पन्न जानो।।
सबको मुझसे उत्पन्न जानो।।
मैं ही तो समस्त प्राणियों का
आदि और शाश्वत बीज हूँ।।
बुद्धिमानों की बुद्धि भी मैं औ
मैं ही तेजस्वियों का तेज़ हूँ।।
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