Thursday, December 8, 2016

अध्याय-7, श्लोक-26

वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुन ।
भविष्याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्चन ॥ २६ ॥
हे अर्जुन! भगवान होने के नाते मैं जो भूतकाल में घटित हो चुका है, जो वर्तमान में घटित हो रहा है और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हूँ। मैं समस्त जीवों को भी जानता हूँ पर मुझे कोई नहीं जानता।
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हे अर्जुन! भूत,वर्तमान,भविष्य
सबकुछ मैं जानता हूँ सबका।
मुझसे कुछ भी छुपा न  रहता
जो भी कभी कहीं है घटता।।

कोई भी मुझसे अनजान नहीं
जो भी जग में आता,जाता है।
मैं तो हरकिसी को जानता पर
मुझे कोई नहीं जान पाता है।।

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