शुक्ल कृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते ।
एकया यात्यनावृत्ति मन्ययावर्तते पुनः ॥ २६ ॥
एकया यात्यनावृत्ति मन्ययावर्तते पुनः ॥ २६ ॥
वैदिक मतानुसार इस संसार से प्रयाण करने के दो मार्ग हैं-एक प्रकाश का तथा दूसरा अंधकार का। जब मनुष्य प्रकाश के मार्ग से जाता है तो वह वापस नहीं आता, किंतु अंधकार के मार्ग से जानेवाला पुनः लौटकर आता है।
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वेदों के अनुसार इस संसार से दो
मार्गों से ही जाया जा सकता है।
कोई प्रकाश के मार्ग से जाता तो
कोई अंधकार का पथ पकड़ता है।।
जो मनुष्य प्रकाश के पथ से जाता
वह कभी यहाँ वापस नहीं आता है।
पर जो अंधकार के मार्ग से जाता
वह यहाँ लौटकर अवश्य आता है।।
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