भूतग्रामः स एवायं भूत्वा भूत्वा प्रलीयते ।
रात्र्यागमेऽवशः पार्थ प्रभवत्यहरागमे ॥ १९ ॥
रात्र्यागमेऽवशः पार्थ प्रभवत्यहरागमे ॥ १९ ॥
जब-जब ब्रह्मा का दिन आता है तो सारे जीव प्रकट होते हैं और ब्रह्मा की रात्रि होते ही वे असहायवत विलीन हो जाते हैं।
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हे पृथापुत्र! ये जो जितने जीव है
वे सब ही बारबार प्रकट होते हैं ।
और बारबार प्रकट होकर उतनी
ही बार फिर विलीन भी होते हैं।।
जब-जब ब्रह्मा की रात्रि आती है
समस्त जीव अव्यक्त हो जाते हैं।
और जब ब्रह्मा का दिन आता है
वे सब फिर से व्यक्त हो आते हैं।।
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