Wednesday, December 7, 2016

अध्याय-7, श्लोक-23

अन्तवत्तु फलं तेषां तद्भवत्यल्पमेधसाम्‌ ।
देवान्देवयजो यान्ति मद्भक्ता यान्ति मामपि ॥ २३ ॥
अल्पबुद्धि वाले व्यक्ति देवताओं की पूजा करते हैं और उन्हें प्राप्त होने वाले फल सीमित तथा क्षणिक होते हैं। देवताओं की पूजा करने वाले देवलोक को जाते हैं, किंतु मेरे भक्त अंततः मेरे परमधाम को प्राप्त होते हैं।
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कम बुद्धि होती है जिनकी वही
देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।
तभी चिर सुख को छोड़ कर वे
क्षणिक सुख के पीछे दौड़ते हैं।।

समाप्त होने वाला सुख मिलता
बहुत तो देवलोक तक वे जाते।
पर मेरे भक्त तो मेरा धाम पाते
जहाँ से वे कभी वापस न आते।।

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