अर्जुन उवाच
किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम।
अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते॥ १ ॥
किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम।
अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते॥ १ ॥
अर्जुन ने कहा-हे भगवान! हे पुरुषोत्तम! ब्रह्म क्या है? आत्मा क्या है?सकाम कर्म क्या है? यह भौतिक जगत क्या है? तथा देवता क्या है? कृपा करके यह सब मुझे बतायिये।
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अर्जुन ने कहा कि हे भगवन!
मन उठ रही कुछ जिज्ञासा है।
ब्रह्म का अर्थ क्या होता और
अध्यात्म की क्या परिभाषा है?
कर्म क्या होता है प्रभु और
भौतिक जगत किसे कहते हैं?
मुझे बतायिये हे पुरुषोत्तम!
देवता कहाँ रहते क्या करते हैं?
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