Tuesday, November 29, 2016

अध्याय-7, श्लोक-6

एतद्योनीनि भूतानि सर्वाणीत्युपधारय ।
अहं कृत्स्नस्य जगतः प्रभवः प्रलयस्तथा ॥ ६ ॥
सारे प्राणियों का उद्गगम इन दोनों शक्तियों में है। इस जगत में जो कुछ भी भौतिक तथा आध्यात्मिक है, उसकी उत्पत्ति तथा प्रलय मुझे ही जानो।
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ये जड़ और चेतन मेरी
जो दोनों प्रकृतियाँ हैं।
इन्होंने ही मिल सारे
जग का सृजन किया है।।

मैं ही होता कारण इस
जगत की उत्पत्ति का।
और मैं ही बनता कारण
इस जग के प्रलय का।।

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