अथवा योगिनामेव कुले भवति धीमताम् ।
एतद्धि दुर्लभतरं लोके जन्म यदीदृशम् ॥ ४२ ॥
एतद्धि दुर्लभतरं लोके जन्म यदीदृशम् ॥ ४२ ॥
अथवा (अगर दीर्घकाल तक योग करने के बाद असफल रहे तो) वह ऐसे योगियों के कुल में जन्म लेता है जो अति बुद्धिमान हैं। निश्चय ही इस संसार में ऐसा जन्म दुर्लभ है।
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अगर उस योगी ने अपना पथ
बहुत आगे तक तय किया था।
लक्ष्य प्राप्त करने से बस कुछ
पहले ही उसने पथ बदला था।।
तो ऐसा मनुष्य विद्वान योगियों
के उच्च कुल में जन्म पाता है।
लेकिन ऐसा जन्म इस संसार में
निस्सन्देह बहुत दुर्लभ होता है।।
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