Monday, October 31, 2016

अध्याय-3, श्लोक-42

इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः परं मनः ।
मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धेः परतस्तु सः ॥ ४२ ॥
कर्मेंद्रियाँ जड़ पदार्थ की अपेक्षा श्रेष्ठ हैं, मन इंद्रियों से बढ़कर है, बुद्धि मन से भी उच्च है और वह (आत्मा) बुद्धि से भी बढ़कर है।
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इंद्रियाँ हैं  श्रेष्ठ जड़ पदार्थ से 
हे अर्जुन! यह तथ्य लो जान।
इंद्रियों से भी श्रेष्ठ मन तुम्हारा 
मन से ऊपर बुद्धि का स्थान।।

इस बुद्धि से भी जो है श्रेष्ठ वह 
तुम हो, शुद्ध स्वरूप जीवात्मा।
तुम सर्वश्रेष्ठ हो सबों में क्योंकि 
तुम्हारे अंशी है स्वयं  परमात्मा।।

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