Tuesday, November 1, 2016

अध्याय-4, श्लोक-1

श्री भगवानुवाच
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्‌ ।
विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्‌ ॥ १ ॥
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा - मैंने इस अमर योगविद्या का उपदेश सूर्यदेव विवस्वान को दिया और विवस्वान ने मनुष्यों के पिता मनु को उपदेश दिया और मनु ने इस का उपदेश इक्ष्वाकु को दिया।
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भगवान कृष्ण बता रहे कि मैंने ही इस 
अमर योग विद्या को अवतरित किया।
सृष्टि के प्रारम्भ में इस दिव्य ज्ञान को 
सूर्य के पुत्र विवस्वान को मैंने दिया।।

विवस्वान ने इस अविनाशी विद्या को 
मनुष्यों के पिता मनु तक पहुँचाया।
महाराज मनु ने आगे इस उपदेश को 
अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु को बताया।।

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