Wednesday, October 5, 2016

अध्याय-2, श्लोक-9

संजय उवाच
एवमुक्त्वा हृषीकेशं गुडाकेशः परन्तप ।
न योत्स्य इतिगोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं बभूव ह ॥ ९ ॥
संजय ने कहा- इसप्रकार कहने के बाद शत्रुओं का दमन करने वाला अर्जुन कृष्ण से बोला, "हे गोविंद ! मैं युद्ध नहीं करूँगा," और चुप हो गया।
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संजय सुनाए धृतराष्ट्र को कि कैसे 
परम प्रतापी अर्जुन मन से हार रहा।
शत्रुओं का दमन करने वाला योद्धा 
आज कैसे शोक के वेग में जा बहा।।

हे गोविंद मैं यह युद्ध नही करूँगा
अर्जुन ने आख़िर कह दिया प्रभु से।
अब कोई तर्क-वितर्क नही दे रहे 
सुना निर्णय बस बैठ गए चुप से।।


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